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अब प्रमाणपत्रों के लिए नहीं लगानी होगी दौड़

students will get their degree soon
अब विश्वविद्यालय व डिग्री कॉलेजों में पढ़ने वाले स्टूडेंट के प्रमाणपत्रों और उपाधियों का सत्यापन सिर्फ दो दिनों में करना होगा। उप्र सरकार ने जनहित गारंटी अधिनियम 2011 के तहत यह सुविधा छात्रों को दी है।

लोक सेवा प्रबंधन के प्रमुख सचिव प्रभात कुमार सारंगी ने शुक्रवार को यह आदेश जारी कर दिया। इसके तहत उच्च शिक्षा विभाग की चार और माध्यमिक शिक्षा विभाग की 9 सेवाओं को अधिनियम के तहत तय समय सीमा के भीतर उपलब्ध करवाना होगा।

प्रमाणपत्रों और उपाधियों का दो दिनों के भीतर सत्यापन करने के साथ ही अब विश्वविद्यालय को परीक्षाफल घोषित होने के 45 दिनों के भीतर छात्र की मार्कशीट देनी होगी।

अगर छात्र को तय समय पर मार्कशीट नहीं मिलती है तो वह इस संबंध में अपील करेगा और इसका निस्तारण 30 दिन के भीतर करना होगा। इसके बाद अगर दोबारा अपील की गई तो उसका निस्तारण मात्र 15 दिन के भीतर करना होगा।

वहीं अब नए कॉलेज खोलने के लिए जिला प्रशासन को 30 दिन के भीतर एनओसी जारी करनी होगी। अगर ऐसा नहीं हुआ तो प्रथम अपील का निस्तारण 30 दिन में और द्वितीय अपील का निस्तारण 15 दिन में करना होगा।

इसके अलावा छात्र को राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रमाणपत्रों का वितरण 30 दिन के भीतर करना होगा। इसके विरुद्ध प्राप्त अपील का निस्तारण मात्र 15 दिन के भीतर करना होगा। अब संस्थान एनएसएस के प्रमाणपत्रों के लिए छात्रों को परेशान नहीं कर सकेंगे।

इसी प्रकार माध्यमिक शिक्षा विभाग की नौ सेवाओं को भी इस अधिनियम के दायरे में लाया गया है। इसके तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में 15 दिनों के भीतर मूल प्रमाणपत्र जारी करने का निर्णय लिया गया है।

ऐसा न होने की स्थिति में प्रथम व द्वितीय अपील का निस्तारण क्रमश: 15-15 दिनों के भीतर ही करना होगा। इसके अलावा डुप्लीकेट प्रमाणपत्र 30 दिन में जारी करने होंगे।

इस संबंध में प्राप्त अपील का निस्तारण 15 दिन में करना होगा। इसके अलावा मूल अंक पत्र व डुप्लीकेट अंक पत्र 15 दिन में जारी करने होंगे। इसके विरुद्ध की गई अपील का निस्तारण भी पंद्रह दिन में करना होगा।

माध्यमिक शिक्षा परिषद के विद्यालयों को संशोधित प्रमाणपत्र और अंक पत्र 30 दिनों के भीतर जारी करना होगा। इसके विरूद्घ की गई अपील का निस्तारण 15 दिन के भीतर करना होगा।

वहीं निरस्त परीक्षाफल पर निर्णय 45 दिनों के भीतर, रोके गए परीक्षाफल, अपूर्ण और त्रुटिपूर्ण परीक्षाफल पर भी 45 दिन के भीतर निर्णय लेना होगा।

इस संबंध में प्राप्त अपील का निस्तारण 30 दिन में और द्वितीय अपील का निस्तारण 15 दिन में करना होगा। इस नई सुविधा से स्टूडेंट को काफी फायदा होगा।

उन्हें अब इन सुविधाओं के लिए विद्यालय व शिक्षा विभाग के कार्यालयों में बार-बार चक्कर नहीं लगाना होगा। घूसखोरी के चक्कर में अब बाबू उन्हें परेशान नहीं कर पाएंगे।

जो भी कर्मचारी व अधिकारी इस काम में लापरवाही बरतेंगे उनके खिलाफ अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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