बुधवार, 1 अप्रैल 2015

"भूख भ्रष्टाचार और अन्ना आंदोलन"

आदरणीय वीरेंदर यादव जी से हमने यह लेख को माँगा था "भूख भ्रष्टाचार और अन्ना आंदोलन" जो मिल गया है आप भी देखें और यादव जी को मेरे साथ धन्यवाद भी कहें !-डा.लाल रत्नाकर
"मुझे आप को लेकर कभी कोई भ्रम नही रहा. न मैं कभी अन्ना आन्दोलन का समर्थक रहा न आप का. निश्चित रूप से से यह नियोलिब्रल कार्पोरेटम हितोंैं द्वारा संचालित पार्टी रही है, जैसा की अन्ना आन्दोलन था. मैंने तभी अन्ना आन्दोलन का विस्तृत अलोचनात्मक विश्लेषण पहले ही किया था जो हार्पर कालिंस से हिन्दी में प्रकाशित 'अन्नान्दोलन' शीर्षक पुस्तक में शामिल है.चाहें तो संग्लन क्लिपिंग से मेरी राय जान सकते हैं. जो आआप पार्टी के बनने के भी पूर्व की है.आप अनावश्यक रूप से मुझे उस राय के साथ शामिल कर रहे हैं ,जिससे मैं शुरू से ही असहमत रहा हूँ.
लगभग तीन पूर्व जब आआप का गठन नही हुआ था तब मैंने अन्ना आन्दोलन की टीम के अगुवा लोगों को पाखंडी करार कर सही ही किया था . यद्यपि तब लोगों को मेरी यह बात बेसुरी लगी थी लेकिन आज सर्वानुमति यही बन रही है. मैंने तभी अन्ना आन्दोलन का विस्तृत आलोचनात्मक विश्लेषण भी किया था जो हार्पर कालिंस से हिन्दी में प्रकाशित 'अन्नान्दोलन' शीर्षक पुस्तक में शामिल है."

-वीरेंदर यादव..................