मंगलवार, 30 अप्रैल 2013

देशभक्त

 भ्रष्टाचार को 'शिष्टाचार' की शक्ल देती कांग्रेस 
इनके सहयोग में खड़े दलित और पिछड़े नेत्रित्व 


भारत सरकार 'आकंठ भ्रष्टाचार' में डूबी है, लूट की छुट अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त कर चुकी है, लगता है पिछले दिनों चले 'भ्रष्टाचार मिटाओ' आन्दोलनों का लब्बो लुबाब मतलब यही दिखाई देता है की किस तरह से भ्रष्टाचार को 'शिष्टाचार' की शक्ल दे दी जाय। और यही हुआ 'कांग्रेस' ने एक न एक 'कुकर्मो' को इस पुरे आन्दोलनों से जोड़कर 'बलात्कार' के इतने रूप प्रस्तुत किये की  सारा भारत देश मध्यकाल युग में पहुँच गया है, विकास की खोखली नीतियों से समकालीन दिक्कतें भले ही दिखाई नहीं दे रही हों पर जो कुछ हो रहा है उससे देश निश्चित तौर पर जिधर जा रहा है वह सामाजिक गैर बराबरी को बढ़ाएगा।
इसी व्यवस्था के सुधार और बदलाव के जिस स्वरुप की मुझे आवश्यकता है उसको लागू करने की कुवत किसी मौजूदा नेता में नज़र नहीं आ रही हैं। अब नया नेतृत्व कहाँ से लाया जाय ! 

"सरबजीत की मदद में भारत सरकार आगे क्यों नहीं आ रही है, सोनिया गांधी को यह देश बर्दास्त कर रहा है या सोनिया गांधी इस देश को बर्बाद कर रही है इस सवाल पर सब चुप क्यों है ? यदि कोई सच्चा देशभक्त शासक होता तो सरबजीत की मदद में जरूर आगे आता।"
-डॉ.लाल रत्नाकर 

सोमवार, 22 अप्रैल 2013

उ .प्र . की राजनीती में ब्राह्मणों के दिन.

डॉ . लाल रत्नाकर 

क्या हो गया है माननीय नेता जी को -

यह वकालत राहुल गांधी को प्रधान मंत्री बनाने की है या .... .....!

माननीय नेता जी ये सारे मिलकर आपका खून पी जायेंगे और समाजवाद सूख जाएगा क्योंकि इन्हें आपके 'राज्य से जीतनी चिढ है संभवतः दुनिया की किसी कौम को नहीं होगी । यदि सारी ऊर्जा इन पर आपने लगा दी तो औरों का क्या होगा ? पूरा इतिहास इन्होने अपने नाम कर लिया जबकि उनका कोई योगदान संघर्ष में नहीं होता था मायावती के राज्य में इनके सारे गुंडों ने लूटा और जो बचे थे ओ आपके समय में लूट रहे हैं।
आपकी यह थियोरी जिसने भी गढ़ी हो पर यह सब किस ब्राह्मण ने गढ़ी है ठीक से पता नहीं पर 
"ब्राह्मण ऋषि मुनियों की देन 'ब्राह्मणवाद' है"।

'समाजवाद' तो दलित और पिछड़े ऋषि मुनियों ने दिया है नेताजी।

आपको 'मनुस्मृति' आदि कभी पढ़ने का मौक़ा मिला क्या? 

यदि नहीं तो पढ़वा डालिए किसी गैर ब्राह्मण से .

क्या हो गया है आपको जो मर्जी वही बोले जा रहे हो। क्या ये सब उनके लिए रामबाण नहीं हैं .

सामाजिक सरोकारों के मसीहा ललई राम यादव, राम स्वरुप वर्मा, राम सेवक यादव की याद आपको क्यों नहीं आ रही है। 
जनेश्वर मिश्रा तो पूरे जीवन समाजवाद के नाम पर ''ब्राह्मणवाद'' ही किया. और उस आदमी के नाम पर इस तरह के स्मारक तो समाजवाद के नाम पर कलंक हैं।
इस देश का कोई ब्राह्मण आपको प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कभी नहीं बैठने देगा नेताजी आप अच्छी तरह इस बात को समझ लीजिये। 
जो ब्राह्मणवादी होगा वो समाजवादी हो ही नहीं सकता .
जरा इनके फरमानों पर गौर करिए "ब्राह्मण समाज की मांगों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार में 13 मंत्री ब्राह्मण समाज से हैं। माता प्रसाद पांडेय दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष बने हैं। सपा ने ब्राह्मणों को सर्वाधिक सम्मान दिया है।"
अरे भाई इनका काम कहीं रूकने जा रहा है और एक जाती का नाम लेकर आदेश जारी किया जाना कितना उचित है, यह शर्मनाक हरकत भी यादवों के मत्थे मढी जा रही है।
"नेताजी आप पिछड़े सामाज को कितनी तरजीह दे रहे हो जहां देखो वहीँ ब्राह्मण समाज - यादवों की तो छोडो उससे से तो आपको दुर्गन्ध आने लगी है" आपके इस ब्राह्मणवाद में कहीं भी किसी जाती को बढ़ावा देने की "बू" नहीं आ रही होगी . भाई लोगों को " जो आपको बिना पानी पिए गालियाँ देते रहते हैं.
-डॉ.लाल रत्नाकर 
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समाजवाद ब्राह्मण ऋषि मुनियों की देन: मुलायम
लखनऊ/ब्यूरो | अंतिम अपडेट 26 अप्रैल 2013 11:46 PM IST पर
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव ने प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन के नाम पर ब्राह्मण समाज को लुभाने की भरपूर कोशिश की।
उन्होंने कहा कि समाजवाद ब्राह्मण ऋषि-मुनियों की ही देन है। सपा और प्रदेश सरकार ब्राह्मण के सम्मान और उनकी उम्मीदों के अनुरूप काम करेगी।
ब्राह्मण समाज की मांगों पर त्वरित कार्रवाई के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार में 13 मंत्री ब्राह्मण समाज से हैं। माता प्रसाद पांडेय दूसरी बार विधानसभा अध्यक्ष बने हैं। सपा ने ब्राह्मणों को सर्वाधिक सम्मान दिया है।
बसपा के ब्राह्मण भाईचारा सम्मेलन के जवाब में सपा ब्राह्मण सभा ने शुक्रवार को सपा मुख्यालय में प्रबुद्ध वर्ग महासम्मेलन आयोजित किया।
इसमें बसपा के ब्राह्मण प्रेम को ढोंग बताते हुए सपा को ब्राह्मणों का हितैषी साबित करने की कोशिश की गई। इस मौके पर मुलायम सिंह यादव ने कहा कि आदिकाल से आजादी के आंदोलन तक ब्राह्मणों ने समाज को दिशा दी।
समाज को जगाया और आगे बढ़ाया। वेद व्यास, भगवान परशुराम और ब्राह्मण ऋषि-मुनियों ने आध्यात्मिक ज्ञान दिया। वे किसी पर अत्याचार नहीं करते थे लेकिन अन्याय के खिलाफ हथियार तक उठाने में भी पीछे नहीं रहे।
जातिवाद से दूर वे मानवतावादी थे। सम्मेलन में उठी संस्कृत विद्यालयों की उपेक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि संस्कृत खत्म हुई तो सभी भाषाओं पर आघात लगेगा।
हिंदी और दूसरी क्षेत्रीय भाषाएं संस्कृत से ही विकसित हुई हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक संस्कृत के श्लोक काम आते हैं। संस्कृत की उपेक्षा नहीं होगी।
सपा प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी को निर्देश देते हुए मुलायम ने कहा कि जिन ब्राह्मणों पर पिछली सरकार में एससी-एसटी एक्ट के झूठे मामले दर्ज हुए थे, वे वापस कराए जाएं।
उन्होंने कहा कि 307 एकड़ में जनेश्वर मिश्र पार्क विकसित किया जा रहा है। इसमें उनकी बड़ी मूर्ति लगाई जाएगी। �
अगली कैबिनेट में लाइये संस्कृत विद्यालयों का मामला
संस्कृत विद्यालयों को अनुदान पर लेने के मामले पर मुलायम सिंह ने मंच पर बैठे रामगोविंद चौधरी और राजेंद्र चौधरी से कहा कि सरकार ने अभी तक यह काम क्यों नहीं किया। हो सकता है कि अखिलेश को पता न हो। इसे अगली कैबिनेट में लाइये।
बसपा राज में ब्राह्मणों का सर्वाधिक उत्पीड़न: पांडेय
समाजवादी पार्टी ब्राह्मण सभा के प्रदेश अध्यक्ष और कृषि एवं धर्मार्थ कार्य राज्यमंत्री मनोज पांडेय ने कहा कि बसपा शासन में ब्राह्मणों का सर्वाधिक उत्पीड़न हुआ। उन पर एससी-एसटी एक्ट के 15 हजार मामले दर्ज किए गए।
ब्राह्मण मंत्रियों, नेताओं ने किया सपा का गुणगान
सम्मेलन में ब्राह्मण समाज से जुड़े मंत्रियों और प्रमुख नेताओं ने सपा की नीतियों और मुलायम सिंह के नेतृत्व का गुणगान किया। उन्होंने मुलायम को प्रधानमंत्री बनाने का आह्वान किया।
होमगार्ड मंत्री ब्रह्माशंकर त्रिपाठी ने परशुराम जयंती पर अवकाश और प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ लड़ाई का जिक्र करते हुए संकल्प दिलाया कि ब्राह्मण समाज मुलायम सिंह को दिल्ली पहुंचाने के लिए काम करें।

समाजवाद का नया चहरा 

उ .प्र . की राजनीती में ब्राह्मणों के दिन इतने ख़राब होंगें यह उन्होंने सोचा भी नहीं होगा .
लेकिन सारे संघर्षों का परिणाम इतना भयावह होगा जिसकी संघर्ष चलाने /करने वालों ने कभी सोचा भी नहीं रहा होगा, सदियों के संघर्षों के बाद जिन साजिशों से निकलने और समता के राज्य की स्थापना के लिए अपने हकों हुकुक का सपना देखा रहा होगा यदि उसमें से कोई ज़िंदा होगा तो उसपर क्या गुजर रहा होगा।
पर कितने अदूरदर्शी हैं सपाई व् बसपाई की वे उनके चाल में फसते जा रहे हैं .जिस जनता को इन्होने ये भरोसा दिया था की ये उनके सपनों का राज कायम करेंगे और आज तुम उनकी याचना करके, उनके द्वारा किये गए अपमानों के बदले उनका सम्मान कर रहे हो जबकि इन्हीं के विरोध के लिए जनता ने तुम्हे चुना है।

बसपा को इन्ही (ब्राह्मणों) से आस है 'धन्य हो मूर्खों इनसे क्या निकाल पाओगे ये उलटे तुम्हें निगल जायेंगे' अरे भाई हाथ ही मिलाना है तो आपस में मिलाओ !

(माया और मुलायम न माने तो इन्हें छोडो) नया गठबंधन बनाओ (दलित + पिछड़े =85% मत यानी सत्ता)

क्योंकि दोनों को सत्ता सुख ने 'सवर्ण' बना दिया है, इनकी सोच बदल गयी है।

ये 'मुर्ख और गुंडों के बल पर देश और समाज को कमजोर कर रहें हैं - जिस सामजिक बदलाव के आन्दोलन से इनकी उत्पत्ति हुयी है उसका ही ये विनाश कर रहे हैं।

समय रहते इनसे सावधान हो जाओ अन्यथा आने वाली पीढियां हमें माफ़ नहीं करेंगी  -

नया गठबंधन बनाओ (दलित + पिछड़े =85% मत यानी सत्ता)

जबकि सच्चाई यह है की आज भी ब्राह्मण पिछड़ों और दलितों का जितना नुकसान हो सकता है कर रहा है  पर इनके नेताओं को 'दुर्बुद्धि ने घेरा' हुआ है इनमे बौद्धिकता से भय बना हुआ है, इन्हें अपने बौद्धिक नहीं चाहिए उधर से उधार के बुद्धिमान आयातित हैं जो अंग्रेजों जैसा इनको लूट रहे हैं और सामाजिक बदलाव को नस्त नाबूत कर रहे है .
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सम्मान के लिए आगे आए ब्राह्मण समाज
Jaunpur | अंतिम अपडेट 22 अप्रैल 2013 5:30 AM IST पर
बक्शा। सपा के ब्राह्मण संकल्प सम्मेलन में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि ब्राह्मण समाज को अपने सम्मान की रक्षा के लिए आगे आना होगा। सपा सरकार में ब्राह्मणों का सम्मान निश्चित रूप से बढ़ा है। ब्राह्मण समाज सदैव कल्याण की सोच एवं सभी के सुख की कामना करता रहा है। इसीलिए उन्हें गुरु की महत्ता प्रदान की गई है। सम्मेलन में 11 ब्राह्मणों ने शंखनाद कर डा. केपी यादव को विजयी बनाने का संकल्प दिलाया।
धनियामऊ स्थित भोलानाथ मिश्र डिग्री कालेज परिसर में ब्राह्मण लोक चेतना मंच के तत्वावधान में आयोजित सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि बसपा शासन में सबसे अधिक दलित उत्पीड़न का मुकदमा ब्राह्मणों पर ही दर्ज हुआ है। प्रमोशन में आरक्षण का विरोध सिर्फ सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने किया। उन्होंने कहा कि ब्राह्मण समाज ने हमेशा राजा के मंत्री के रूप में काम किया है। इस बात के चिंतन की जरूरत है कि वर्तमान में समाज कहां खड़ा है। लोकसभा प्रत्याशी डा. केपी यादव को दिल्ली और नेता मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने की अपील की। सम्मेलन में हेलीकाप्टर से पहुंचे विशिष्ट अतिथि ज्ञानपुर विधायक विजय मिश्र ने कहा कि सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव को प्रधानमंत्री बनाने का संकल्प लेना होगा। जौनपुर का ब्राह्मण मतदाता डरा एवं सहमा हुआ है। विरोधी हमला तब करता है जब आप भयभीत होंगे। संकट के समय में साथ देने का कार्य सपा करती है। भोजपुरी अभिनेता मनोज तिवारी मृदुल ने गीतों के जरिए समा बांधा। आह्वान किया कि नेताजी को इस बार प्रधानमंत्री बनाना है। राज्यमंत्री सतई राम यादव, संगीता यादव, जफराबाद विधायक शचींद्र नाथ त्रिपाठी, पूर्व एमएलसी लल्लन यादव, दीवानी बार अध्यक्ष प्रेम शंकर मिश्र, जिलाध्यक्ष राज बहादुर यादव, चित्रकूट विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी पांडेय, सुशील दुबे, पूनम मौर्या, राहुल दुबे, उमेश तिवारी, बांकेलाल शर्मा आदि ने संबोधित किया। कालेज प्रबंधक प्रेम शंकर मिश्र ने अतिथियों को अंगवस्त्रम एवं स्मृति चिन्ह भेंट किया। अध्यक्षता बदलापुर विधायक ओेम प्रकाश दुबे उर्फ बाबा तथा संचालन सुरेंद्र उपाध्याय ने किया। अंत में लोकसभा प्रत्याशी डा. केपी यादव ने सभी के प्रति आभार जताया। इस दौरान लोकगीत गायक आशीष पाठक ने अपनी टीम के साथ लोगों का मनोरंजन किया। इस मौके पर रमापति यादव, डा. अवधनाथ पाल, श्रवण जायसवाल, राजनाथ यादव, रमेश चंद्र यादव, रत्नाकर सिंह कौशिक, रामधारी पाल, महावीर यादव आदि मौजूद रहे।
चुनावी रैली की तरह उतरा हेलीकाप्टर
बक्शा। सपा ब्राह्मण सम्मेलन में रविवार को धनियामऊ स्थित भोलानाथ मिश्र डिग्री कालेज के मैदान में चुनावी रैली की तरह हेलीकाप्टर उतरा तो देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय सड़क मार्ग से सम्मेलन में हिस्सा लेने पहुंचे तो ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र कार्यक्रम स्थल के बगल में सीधे हेलीकाप्टर से पहुंचे। लोग कहने लगे कि अब लोकसभा चुनावी समर शुरू हो गया है। बच्चों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस फोर्स भी हेलीपैड के चारो तरफ लगी रही। 
सम्मेलन में विजय मिश्र ने कहा कि अगर समाज डरा हुआ है तो कुछ दिन जौनपुर में रुक जाऊं। मैं शस्त्र और शास्त्र दोनों लेकर चलता हूं। किसी का नाम लिए बगैर ज्योतिषी रमेश तिवारी एवं अनिल मिश्रा की हत्याकांड का हवाला देकर ब्राह्मणों को सपा के पक्ष में लामबंद होने की अपील की।
मनोज ने सुनाया माई शेर पर सवार......
बक्शा। ब्राह्मण सम्मेलन में डा. केपी यादव के समर्थन में पहुंचे भोजपुरी फिल्म स्टार मनोज तिवारी ने जब माई शेर पर सवार रूपवा मनवा मोहत बा... सुनाया तो परिसर तालियाें की गड़गड़ाहट से गूंज उठा। भीड़ मनोज तिवारी को देखने के लिए खड़ी हो गई। भीड़ एक और एक और गाना सुनाने की मांग करने लगी। भीड़ को शांत कराने के लिए उन्होंने एक गीत और सुनाया फिर समय की कमी का अनुरोध करते हुए चले गए।
बिजली संकट पिछली सरकार की देन
बदलापुर। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने स्थानीय पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में बिजली संकट पिछली सरकार की देन है। पिछली सरकार ने 2600 करोड़ की बिजली उधार खरीदी थी। उसी की भरपाई की जा रही है। प्रदेश सरकार हर महीने 1600 करोड़ की बिजली खरीद रही है और बिजली से पंद्रह सौ करोड़ आ रहे हैं। हम प्रति यूनिट 1.36 रुपये उपभोक्ताओं को अनुदान दे रहे हैं। बंद पड़े विद्युत उपकेंद्र जल्दी ही चालू किए जाएंगे। वह यहां धनियामऊ के सपा सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। सम्मेलन से पहले बातचीत में उन्होंने ब्राह्मण समाज के लोगों से सपा के पक्ष में लामबंद होने की अपील की। इस दौरान बदलापुर विधायक ओम प्रकाश दुबे समेत काफी संख्या में सपा कार्यकर्ता मौजूद थे।

शुक्रवार, 19 अप्रैल 2013

बदलाव के उद्येश्य से .

ब्लागर के व्यवस्थापक

पाठक !
आदरणीय
यह ब्लागर के माध्यम से एक विल्कुल अव्यवसायिक अराजनैतिक मात्र सामाजिक बदलाव के उद्येश्य से किया जा रहा प्रयास है, 2 0 1 4 का जिक्र उस प्रक्रिया की वजह से किया जा रहा है जिसमें सामजिक सरोकार बनते और बिगड़ते हैं।
सामाजिक जुडाव का सुअवसर मिलता है।
बुरे के खिलाफ खड़े होने का अवसर भी।
भारत गनराज्य की एकता अखण्डता का पर्व होता है 'आम चुनाव'.
इसी उद्येश की पूर्ति सजग अवाम से अपेक्षित भी है.
इसी उद्येश्य से .
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ब्लागर के व्यवस्थापक

पाठक !
आदरणीय
यह ब्लागर के माध्यम से एक विल्कुल अव्यवसायिक अराजनैतिक मात्र सामाजिक बदलाव के उद्येश्य से किया जा रहा प्रयास है, 2 0 1 4 का जिक्र उस प्रक्रिया की वजह से किया जा रहा है जिसमें सामजिक सरोकार बनते और बिगड़ते हैं।
सामाजिक जुडाव का सुअवसर मिलता है।
बुरे के खिलाफ खड़े होने का अवसर भी।
भारत गनराज्य की एकता अखण्डता का पर्व होता है 'आम चुनाव'.
इसी उद्येश की पूर्ति सजग अवाम से अपेक्षित भी है.
इसी उद्येश्य से .
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मंगलवार, 16 अप्रैल 2013

लगता है समझ आ रही है !

सपाइयों को गुंडा नहीं पसंद तो दहशतगर्द कहूंगी: माया
लखनऊ/अमर उजाला ब्यूरो | अंतिम अपडेट 16 अप्रैल 2013 8:33 PM IST पर
Mayawati says Narendra Modi is not secular, SP men are terrorists
बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर सपा के साथ जुबानी जंग जारी रखी।उन्होंने कहा कि सपा को अगर गुंडा शब्द पर ऐतराज है तो वह उन्हें भविष्य में ‘बेलगाम एवं दहशतगर्दी तत्व’ कहेंगी। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि प्रदेश में अराजकता और जंगलराज के साथ सपाई गुंडों और बदमाशों का राज कायम है लिहाजा राज्यपाल और केंद्र को तत्काल प्रदेश सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल और केंद्र सरकार जब तक इस संबंध में कार्यवाही नहीं करेंगे, वह हर प्रेस कांफ्रेंस में अपनी यह मांग दोहराती रहेंगी। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में गरीबों, इज्जतदार लोगों, शरीफ लोगों और मां-बहन-बेटियों का अमन-चैन के साथ जिंदगी बिताना मुश्किल हो गया है। भविष्य में बसपा की सरकार बनती है तो इस किस्म के आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों को कानून के तहत इतना सख्ती से तोड़ा जाएगा कि भविष्य में आपराधिक कृत्य करने से पहले कई बार सोचेंगे।सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के बयान पर पलटवार करते हुए मायावती ने कहा कि सपा के एक साल के कार्यकाल में हर तरह के अपराध बढ़े हैं। जांच के नाम पर उगाही हो रही है। प्रदेश की गंभीर घटनाओं पर सरकार घटना के मुख्य दोषी के खिलाफ सख्त कार्रवाई के बजाय उनकी मदद के लिए वहां के अफसरों को बदलकर उनके मनमाफिक अफसरों को भेज देती है। ऐसा करके वह अपने बेलगाम, दहशतगर्द, अराजक असामाजिक तत्वों को बढ़ावा दे रही है।
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लगता है समझ आ रही है! लेकिन गाँव से जो सन्देश आ रहा है वह बिलकुल भिन्न है। इनकी सरकार का ग्राफ बिलकुल नीचे जा रहा है,,एक का ही नहीं दोनों का 

रविवार, 14 अप्रैल 2013

अब कैसे ये मिलेंगे !

अब कैसे ये  मिलेंगे ! आज १४ अप्रैल की घटना लीजिये लखनऊ में 'बाबा' साहब की जयन्ती थी बसपा का अधिवेशन था  जिसके पोस्टर लगे थे उन्हें सपा सरकार के कारिंदों ने हटा दिया जिस पर बहन जी आग बबूला हो गयीं और कह रही थी की मेरी सरकार आने दो देख लूंगी.
और क्या नहीं कहा उन्होंने ताबड़तोड़ सारे गोले दाग दिए उन्होंने जो कुछ कहा वह उल्लिखित है - 

सत्ता में आते ही सपाई गुंडों को सबक सिखाएंगे: मायावती

लखनऊ/ब्यूरो | Last updated on: April 14, 2013 10:39 PM IST
टैग्स » mayawatibspsp govtup govtakhilesh yadav

will teach a lesson to sp
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा और प्रदेश सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर दिखाते हुए चेतावनी दी कि बसपा को सत्ता मिली तो कानून तोड़ने व दलितों को सताने वालों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वे याद रखेंगे।
कानून व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट करार देते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में ही जनता त्राहि-त्राहि करने लगी है। सपा के गुंडों, बदमाशों, अराजक तत्वों का राज चल रहा है।
डॉ. अंबेडकर की 122वीं जयंती के मौके पर गोमतीनगर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर बसपा की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मायावती सपा सरकार पर जमकर बरसीं।
मायावती ने कहा कि बसपा ने जिन भूमिहीनों को सरकारी जमीन का पट्टा दिया था, सरकार बदलते ही सपाइयों ने उस पर कब्जा कर लिया, फसलें काट लीं। उन्होंने धमकाया कि आगे जब उनकी सरकार आएगी तो ऐसे लोगों को ऐसा तोड़ा जाएगा, ऐसा उल्टा किया जाएगा कि फिर भविष्य में सरकार बदलने पर वे ऐसा करने की बात सोच भी नहीं पाएंगे।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार के कहने पर जो गड़बड़ कर रहे है, उन पर भी उनकी नजर है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करूंगी। कार्यक्रम में उन्होंने दलितों, पिछड़ों और भूमिहीनों के साथ अन्याय, कानून-व्यवस्था और गरीब विरोधी आर्थिक नीतियों के नाम पर केंद्र की यूपीए सरकार और भाजपा पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, बसपा को छोड़कर किसी भी सरकार ने दलितों, पिछड़ों, मुसलिमों को पूरा हक नहीं दिया। उन्होंने कानून-व्यवस्था के नाम पर दिल्ली सरकार को भी फेल करार दिया और कहा, दिल्ली और राजस्थान में कांग्रेस का राज है लेकिन बहू-बेटियां वहां भी सुरक्षित नहीं हैं। कांग्रेस की राज्य सरकारें हों या भाजपा की, महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
रातोंरात होर्डिंग्स उतरवा दिए
मायावती ने कहा कि पूरे देश में जब डॉ. अंबेडकर को पूजा जा रहा है, सम्मान हो रहा है, वहीं यूपी में बाबा साहब का अपमान किया जा रहा है। डॉ. अंबेडकर के होर्डिंग लगाने के लिए सपा सरकार से लिखित परमिशन लेनी पड़ी। जब सपा सरकार को पता चला कि यहां बड़ी तादाद में लोग आ रहे हैं और दो-तीन किलोमीटर में होर्डिंग लग गई हैं तो उन्होंने रातोंरात होर्डिंग्स उतरवा दिए।
एक साल में सौ से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे
मायावती ने कहा कि सपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में 100 से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं। इनमें तीन दर्जन गंभीर दंगे हुए जिनमें कई महानगरों में काफी समय तक कर्फ्यू की स्थिति रही। आज हिंदू हो या मुस्लिम सभी दुखी हैं, दहशत में हैं। मां-बहनें सुरक्षित नहीं हैं। दिन छुपने के बाद लोग मां-बहनों को घर से निकलने की इजाजत नहीं देते। बलात्कार तक के मुकदमे दर्ज नहीं हो रहे हैं।

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यूपी में एक साल में हुए 100 से अधिक दंगे: मायावती

लखनऊ/इंटरनेट डेस्क | Last updated on: April 14, 2013 12:21 PM IST
टैग्स » mayawatiakhilesh yadav


more than 100 riots in akhilesh government says mayawati
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश सरकार के एक साल के कामकाज को बेहद निराशाजनक बताया है। मायावती ने सपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में जांच के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
लखनऊ में अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित रैली में माया ने कहा कि अखिलेश सरकार कानून-व्यवस्‍था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है। पिछले एक साल में 100 से अधिक दंगे हुए हैं। यहां तक कि आम लोगों को उसके बुनियादी अधिकारों से भी वंचित किया गया।
माया ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी स्थिति मजबूत रखने के लिए अधिकारियों की मदद से उपचुनावों में हेराफेरी कर रही है। ऐसे में कोई भी राजनीतिक दल कैसे पारदर्शी चुनाव की उम्मीद कर सकता है।
मायावती ने कहा कि वे चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। इस दौरान उन्होंने समाज के हर तबके को न्याय दिलाने और कानून-व्यवस्‍था बनाए रखने का सफल प्रयत्न किया। बसपा सरकार ने किसी पर भी जुल्म नहीं होने दिया। (अमर उजाला से साभार)
मायावती ने बोला केंद्र और राज्य सरकार पर हमला
लखनऊ, एजेंसी
First Published:14-04-13 11:42 AM
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए दबे-कुचले लोगों का आह्वान किया है कि जुल्म, ज्यादती से बचने के लिए सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेनी होगी।



मायावती बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 122वीं जयन्ती पर अम्बेडकर पार्क में रैली को सम्बोधित कर रही थीं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि दबे-कुचले लोगों और अल्पसंख्यकों को यदि कानूनी अधिकार का फायदा लेना है तो सत्ता में आना होगा। उत्तर प्रदेश में बसपा की सत्ता के दौरान इसे देखा भी गया है। राजनीतिक सत्ता की मास्टर की जब तक अपने हाथ में नहीं आएगी तब तक पिछड़े तबके पर जुल्म, ज्यादती नहीं रुकेगी।
उत्तर प्रदेश और दिल्ली की कानून व्यवस्था को बदतर बताते हुए मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश तो दंगा प्रदेश बन गया है। समाजवादी पार्टी के महज एक साल के कार्यकाल में कई दंगे हुए हैं जबकि विकास कार्य ठप पड़ा है। उन्होंने कानून व्यवस्था की बदहाली को उजागर करते हुए बुलन्दशहर मामले का जिक्र किया जहां बलात्कार पीड़ित दस वर्षीय बालिका को ही हवालात में डाल दिया गया।

इस मामले में स्वयं संज्ञान लेने के लिए उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद देते हुए मायावती ने आग्रह किया कि न्यायालय राजस्थान के अलवर जिले में दलित बालिका के साथ हुई बलात्कार की घटना का भी संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कागज पर अधिकार तो दे दिया गया, लेकिन जमीन पर उनके पास कुछ नहीं है। उत्तर प्रदेश समेत देश भर में दबे-कुचले और शोषित लोगों के पास कोई अधिकार नहीं है। इन वर्गों को कानूनी और सामाजिक अधिकार के लिए राजनीतिक तौर से मजबूत होना होगा।

मायावती ने कहा कि उन्होंने अपने चारों मुख्यमंत्रित्वकाल में सर्वसमाज को ध्यान में रखा, लेकिन प्राथमिकता पिछड़ों और गरीबों को दी। उन्होंने कहा कि कठिन से कठिन समय में भी उन्होंने उत्तर प्रदेश को साम्प्रदायिक तनाव से बचाया, लेकिन सपा सरकार के कार्यकाल में यह राज्य दंगा प्रदेश में तब्दील हो गया है। उन्होंने दोहराया कि 30 सितम्बर 2010 को अयोध्या मामले का इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ की विशेष पीठ से फैसला आना था। पूरा देश दहशत में था, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्कूल, कॉलेज व दफ्तर बन्द किए बगैर पूरी तरह शांति बनाए रखी गई। केन्द्र सरकार ने मांगने के बावजूद केन्द्रीय सुरक्षाबल नहीं उपलब्ध कराई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आए दिन होने वाले साम्प्रदायिक तनाव की वजह से हिन्दू, मुसलमान दोनों ही दुखी है। गुण्डे, माफियाओं की चांदी है। उनकी सरकार में गुण्डे और माफियाओं की जगह जेल में थी। जांच के नाम पर सपा सरकार पैसे वसूल रही है। भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों खासतौर पर बसपा के साथ बदले की भावना से काम किया जा रहा है। जिसका ताजा उदाहरण कल यहां से हटाए गए बैनर, पोस्टर व होर्डिंग्स हैं। अनुमति के बावजूद यह ओछी हरकत की गई। इसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जो लोग सपा के दबाव में बसपा के साथ र्दुव्‍यवहार कर रहे हैं उन पर नजर रखी जा रही है। सत्ता में आने पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाटपार रानी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उसने सपा की जीत सुनिश्चित कराने में मदद की थी। हंडिया सीट पर भी उपचुनाव होना है। अधिकारियों ने दोबारा गड़बड़ी की तो बसपा सत्ता में आने पर इसकी जांच कराएगी।

मायावती ने कहा कि दलितों और पिछड़ों के आदर्श संतों, गुरुओं के स्मारकों व संग्रहालयों का ठीक से रखरखाव नहीं किया जा रहा है। उन्होंने महंगाई के लिए केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन छीनकर धन्नासेठों को दी जा रही है। केन्द्र सरकार वायदा खिलाफी कर रही है। पूरे देश से दलित व आदिवासी जमीन की वापसी की मांग लेकर फिर से दिल्ली जा रहे हैं। केन्द्र की नीयत साफ नहीं है। उत्तर प्रदेश में भी दलितों व पिछड़ों को आंवटित जमीन पर दंबग कब्जा कर रहे हैं।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी सरकार आने पर दलितों की जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को ऐसा तोड़ा जाएगा कि वे ऐसी हरकत कभी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर व कांशीराम के सपनों को पूरा करने के लिए दलितों, पिछड़ों को एकजुट होना ही होगा। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी।

( हिंदुस्तान से साभार )

सांसद जयाप्रदा की कार से एआरटीओ ने उतारी लालबत्ती
रामपुर, एजेंसी



रामपुर की सांसद और फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा की कार से लालबत्ती उतारने पर शनिवार को वह उप संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) पर भड़क उठीं।





समाजवादी पार्टी की सांसद जयाप्रदा ने आज कहा कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने उनकी गाड़ी से जबर्दस्ती लाल बत्ती हटा दी। सांसद ने मामले को संसद में उठाने की चेतावनी दी। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मियों सहित करीब दो दर्जन अधिकारियों के एक दल ने उनके घर पर आकर लाल बत्ती उतारी। जयाप्रदा ने कहा कि अधिकारियों को मेरे घर नहीं आना चाहिए था। उन्हें मेरी गाड़ी की जांच सड़क पर करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मैं मामले को संसद में उठाउंगी। 
एआरटीओ का कहना है कि सांसद को कार के बोनट पर छोटी लालबत्ती लगाने का अधिकार है। सांसद कार की छत पर लाल बत्ती नहीं लगा सकता। इस बीच सांसद जयाप्रदा ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर उन्हें अपमानित किया गया। नगर विकास मंत्री आजम खां का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि उन्हें अपमानित करवाने में एक मंत्री का हाथ है।



इसी जिले में जयाप्रदा के होटल कक्ष में तीन मार्च को पुलिस की छापेमारी के बाद यह कार्रवाई हुई है। पुलिस ने कहा था कि छापेमारी इस संदेह पर की गई कि पूर्व अभिनेत्री मतदाताओं के बीच बांटने के लिए काफी मात्रा में धन लेकर आई हैं। जयाप्रदा भले ही सपा की सांसद हैं लेकिन वह अमर सिंह से जुड़ी हुई हैं जिन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।

गौरतलब है कि रामपुर के निवासी नगर विकास मंत्री आजम खां और जयाप्रदा के राजनीतिक रिश्ते काफी तल्ख हैं। यदाकदा दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयान देते रहते हैं।

( हिंदुस्तान से साभार )


मंत्री बोले, अफसरों को कमरे में बंद करके पीटो

कटेहरी (अंबेडकरनगर)/ब्यूरो | Last updated on: April 14, 2013 1:56 AM IST
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Minister said, officers beat locked in the room
उत्तरप्रदेश के मंत्री बड़बोलेपन से बाज नहीं आ रहे हैं। शनिवार को स्वास्थ्य राज्यमंत्री शंखलाल मांझी ने कहा कि अधिकारी यदि बात नहीं सुनते तो उन्हें कमरे में बंद कर पीटो। बाद में जो होगा, देख लेंगे।

सपा कार्यकर्ताओं को यह सीख मंत्री ने कटेहरी में आयोजित बैठक में दी है। हालांकि बाद में मांझी अपने बयान से पलट गए और कहा कि उन्होंने सिर्फ संघर्ष करने की बात कही है। इससे पहले भी प्रदेश सरकार के कई मंत्री बेतुका बयान दे चुके हैं। �

शनिवार को यहां जिला मुख्यालय पर होने वाले सपा सम्मेलन को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में मंत्री के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा व उलाहना की झड़ी लगा दी। कार्यकर्ताओं की शिकायतों से मंत्री झल्ला गए।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि अधिकारियों की पहले बंद कमरे में पिटाई कर दो। यदि कोई खांटी सपाई है तो ऐसा किए बगैर दोबारा उनसे शिकायत नहीं करेगा। बाद में उन्होंने जोर देकर कहा कि पिटाई कर आना, जो होगा देख लिया जाएगा।

मंत्री के इस तेवर ने कार्यकर्ताओं का आक्रोश तो शांत कर दिया लेकिन इससे प्रदेश सरकार के सुशासन के दावों की पोल खुलती नजर आई। हालांकि बाद में वह बयान से पलट गए।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने पिटाई की कोई बात नहीं की है। सिर्फ कार्यकर्ताओं से यह कहा कि यदि कोई अधिकारी उनकी बात नहीं सुनता है तो आठ से दस की संख्या में जाओ और संघर्ष करो। यदि जेल जाने की नौबत आई तो हम छुड़ा लेंगे।


'हेमा के गाल जैसी सड़कें' के बयान पर गई मंत्री की कुर्सी

लखनऊ/ब्यूरो | Last updated on: April 14, 2013 2:35 AM IST

uttar pradesh minister raja ram pandey sackedउत्तर प्रदेश के खादी और ग्रामोद्योग मंत्री राजा राम पांडेय को सड़कों की तुलना हेमा मालिनी के गालों से करना भारी पड़ गया है। इस बयान ने उनकी कुर्सी छीन ली है।

पांडेय को शनिवार देर रात मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया।

पांडेय ने यह विवादित बयान यूपी के प्रतापगढ़ में दिया था। उन्होंने पत्रकारों से कहा था, 'बेला की सड़कें हेमा मालिनी के गालों जैसी चमकेंगी, अभी तो फेशियल हो रहा है।

दरअसल पांडेय का यह दूसरा विवादित बयान था, इससे पहले उन्होंने सुल्तानपुर की डीएम धनलक्ष्मी की तारीफ करते हुए अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी।

इस बार प्रतापगढ़ में एक कार्यक्रम में उन्होंने हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित के गालों जैसी सड़कें बनवाने की बात कही थी जो इस बार उन्हें भारी पड़ गई।

महिलाओं के प्रति उल्टी-सीधी बयानबाजी से खफा मुख्यमंत्री ने शनिवार देर रात उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से उन्हें हटाने की सिफारिश की, जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया। देर रात उन्हें मंत्रिपद से हटाए जाने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई।

खादी ग्रामोद्योग विभाग मुख्यमंत्री ने फिलहाल अपने पास ही रखा है। इस साल फरवरी में पांडेय उस वक्त ज्यादा ही चर्चित हुए जब वे सुल्तानपुर के कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बेरोजगारों को चेक बांटने के लिए आयोजित समारोह में जिले की डीएम की खूबसूरती पर फिदा होते नजर आए।

पांडेय ने डीएम धनलक्ष्मी की खूबसूरती की प्रशंसा में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। लगे हाथ उन्होंने जिले की पूर्व और वर्तमान डीएम की खूबसूरती की तुलना भी कर डाली थी। मामला महिला आयोग तक पहुंचा और आयोग ने उन्हें नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण भी मांगा था।

पिछले साल मार्च में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही राजा राम पांडेय चर्चा में रहे हैं। मंत्री बनते ही एक प्रमुख सचिव से बंगले को लेकर उनका विवाद हुआ।

इसके बाद पांडेय के ही विभाग के राज्यमंत्री रियाज अहमद ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रियाज अहमद ने मुख्यमंत्री को लंबा-चौड़ा शिकायती पत्र सौंपकर आरोप लगाया गया था कि राजाराम पांडेय ट्रांसफर-पोस्टिंग में घूस लेते हैं।



'राष्ट्रीय एजेंडे से तय हो प्रधानमंत्री का उम्मीदवार'

 रविवार, 14 अप्रैल, 2013 को 14:28 IST तक के समाचार


बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का उम्मीदवार एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे के मुताबिक़ होना चाहिए और उनकी पार्टी अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि के साथ कोई समझौता नहीं करेगी.
उन्होंने गुजरात के 
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मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के मॉडल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार का अपना मॉडल है और वो मॉडल है सबको साथ लेकर चलने का. नीतीश ने साथ ही चुटकी लेते हुए कहा कि देश जोर-जबरदस्ती से नहीं चलेगा और देश को चलाने के लिए कभी टोपी भी पहननी पड़ेगी.

मुख्यमंत्री ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा, “भारत विविधताओं से भरा देश है और देश का नेतृत्व वही करेगा जिसमें इस विविधता को समेटने की क्षमता हो. 
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अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे ही नेता थे. हम चाहते हैं कि देश को फिर से उनके जैसा प्रधानमंत्री मिले. सिर्फ हवा बनाने से बात नहीं बनेगी.”

नीतीश ने साथ ही परोक्ष रूप से बीजेपी को भी नसीहत देते हुए कहा, “हमारे प्रस्ताव आगे का रास्ता तय करेंगे. हम एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे पर आगे बढ़ेंगे. इस पर कोई समझौता नहीं होगा. एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे में साफ कहा गया है कि विवादित मुद्दों को अलग रखा जाएगा.”
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भारत विविधताओं से भरा देश है और देश का नेतृत्व वही करेगा जिसमें इस विविधता को समेटने की क्षमता हो. अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे ही नेता थे. हम चाहते हैं कि देश को फिर से उनके जैसा प्रधानमंत्री मिले. सिर्फ हवा बनाने से बात नहीं बनेगी"
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी रास्ता बदलने की कोशिश करेगी तो परेशानी होगी. देश के मानस को समझने की ज़रूरत है.

राजधर्म

नीतीश ने कहा कि वो प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं और न ही वो ऐसा भ्रम पालते हैं. लेकिन देश का प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो राजधर्म निभाए.
इससे पहले जदयू की दिल्ली में चल रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दूसरे दिन रविवार को पार्टी नेता एन के सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया है कि पार्टी पूरी तरह एनडीए के साथ है.
प्रस्ताव में बीजेपी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करने के लिए साल के अंत तक का समय दिया है, लेकिन साथ ही कहा है कि ये एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे के मुताबिक़ होना चाहिए.
नीतीश कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “नवगठित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुल तीन प्रस्ताव पेश किए गए. इनमें से एक आर्थिक संकल्प से संबंधित, दूसरा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के बारे में और तीसरा राजनीतिक प्रस्ताव था.”

कार्यकारिणी

उन्होंने कहा कि शरद यादव को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है और नई कार्यकारिणी के गठन के लिए अधिकृत किया गया है.
नीतीश ने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि शरद जी के नेतृत्व में संगठन का विस्तार होगा और देश की राजनीति में जदयू की अहम भूमिका होगी.”
उन्होंने देश की मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “देश की आर्थिक स्थिति नाजुक है और राजनीतिक परिदृश्य निराशाजनक है.”
नीतीश ने कहा, “नई सरकार ऐसी होनी चाहिए जो सबको साथ लेकर चल सके, देश की समस्याओं को दूर कर सके.”
(बी बी सी से साभार )

शनिवार, 6 अप्रैल 2013

अन्यथा आनेवाली पीढियां माफ़ नहीं करेंगी .


कितना प्रायोजित है - मिडिया .

चारो तरफ यह चर्चा जोर पकड़ रही है की राहुल और मोदी का संघर्ष है 2014 के लिए, पर कितना दुह्खद है कि दलित और पिछड़ों की कोई चर्चा ही नहीं हो रही है, जिनके पास सत्ता की चाभी है। इसकी कोई चर्चा ही नहीं हो रही है ? क्योंकि मिडिया कब चाहेगा की बदलाव - 2014 में 'एक नयी शक्ति' के रूप में दलित + पिछड़े = देश की सत्ता की बागडोर संभालें !
आश्चर्य हो रहा है की प्रधानमंत्री बनाए जाने की बहस छिड़ चुकी है कहाँ हैं नेता जी और बहन मायावती जी . 
माना की शहरी संस्कृति के मद्देनजर जनता की आवाज़ दबाने की सारी साजिशे लगातार चलती ही रहती है। अब यह बात गौड़ होती जा रही हैं कि बदलाव की उम्मीदें जिनके कन्धों पर हैं वो सो रहे हैं .
क्या सचमुच कांग्रेस ने इन्हें फंसा रखा है।
बदलाव -2014 के मार्ग के लिए 85% फीसदी आबादी को चिल्ला चिल्ला कर आवाहन करना हैं कि वह यह फैसला ले जिससे यह बहस शुरू हो की अब कांग्रेस और भाजप के अलावा भी उम्मीदें हैं।
असली सत्ता के मालिक ये हैं -
दलित + पिछड़े = एकजूट हो देश की सत्ता की बागडोर संभालें !
अन्यथा आनेवाली पीढियां माफ़ नहीं करेंगी .   

शुक्रवार, 5 अप्रैल 2013

जिन्हें देश की समझ भी है.


बदलाव 2014 के लिए ‘दरअसल सच को नकार कर’ इस उद्येश्य को प्राप्त नहीं किया जा सकता ंअतः जिन्हें भी लगता है कि बदलाव होना ही चाहिए उन्हें आगे आना चाहिए इसलिए कि सपा और बसपा के एक होने का सन्देश पूरे देश में जाएगा, बस जरूरत इतनी है कि इन दोनों के मुखिया भड़क न जायं।
अतः पुनः आग्रह है कि वो सारे लोग जो बदलाव चाहते हैं आगे आएं और इनसे अनुनय विनय करें की ये देश की सोचें और देशवासियों की चिन्ता करें। उन देश वासियों की भी जिन्हें देश की समझ भी है।

जैसा की सर्वविदित है की कांग्रेस के परिवारवाद के खिलाफ लड़ते लड़ते अनेक दल उसी रास्ते को अख्तियार कर लिए हैं और सपरिवार सत्ता पर काबिज होकर 'अच्छे और इमानदार लोगों के उधर देखने तक के सारे रास्ते बंदकर केवल चोर उच्चकों को राज् नीतिक बना दिया है' यही एक प्रमुख कारन है की बदलाव 2014 को ग्रहण लग सकता है। क्या इसके लिए हमारे दलित और पिछड़े राजनितिक तैयार नहीं हैं। क्या उन्हें देश की बागडोर संभालने से डरते हैं - यदि ऐसा नहीं है तो क्या कारण है की ये दोनों कांग्रेस के दोनों कन्धों को सहारा देते हुए नज़र तो आते हैं पर ये एक साथ आकर देश को अपने कन्धों से नहीं संभाल सकते।