मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

चापलूसों के दम पर मांगेगे वोट !

मन से मुलायम हैं 

और इरादे लोहा हैं 
दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है समाजवाद का भविष्य ! आज यह कहते हुए हमें अपने पर लगने वाले आरोप यानि  नैतिक और अनैतिक होने का भय तो भयंकर रूप से सता रहा है पर यदि समय रहते यह बात न कही गयी तो बेमानी होगी। 
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री होता है' कैदी नहीं पुरे प्रदेश में यह कहावत है कि उत्तर प्रदेश में ४. ५ साढ़े चार मुख्यमंत्री हैं जिनमें मुख्यमंत्री कि हैसियत को चार के बाद आधे का बताया जाता है. शायद नेता जी ने इसीलिए इस आधे को अपने पोस्टर से अलग किया होगा क्योंकि बाकि के तीन यदि नहीं आये तो काम बिगड़ जाएगा। 
मेरा मानना है कि यह राय समाजवाद के विरोधियों कि होगी।  जो सबसे बड़े चापलूस के रूप में सरकार को घेरे हुए हैं.
(क्रमशः। …।)

मुलायम ने पोस्‍टर से गायब किया अखिलेश का चेहरा, खुद के दम पर मांगेंगे वोट

मुलायम ने पोस्‍टर से गायब किया अखिलेश का चेहरा, खुद के दम पर मांगेंगे वोट

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मुलायम ने पोस्‍टर से गायब किया अखिलेश का चेहरा, खुद के दम पर मांगेंगे वोट
लखनऊ. 2014 लोकसभा चुनाव के लिए सपा अखिलेश यादव को मुख्‍य चेहरा नहीं बना रही है। यह पार्टी के पोस्‍टर से भी जाहिर हो गया है। मुजफ्फरनगर दंगों और बढ़ते अपराध के चलते खराब हुई अखिलेश की छवि के चलते पार्टी ने पोस्‍टर से अखिलेश की तस्‍वीर गायब कर दी है (देखें, ऊपर तस्‍वीर)।
 
 
75 सीटें जीतने का लक्ष्‍य लेकर चले मुलायम ने लोकसभा चुनाव की कमान अपने हाथों में ले ली है। कुछ दिन पहले आपात बैठक कर उन्‍होंने एक कैबिनेट मंत्री को आड़े हाथों लिया था और तमाम नेताओं को सुधर जाने या नतीजे भुगतने की चेतावनी  दी थी। सपा सुप्रीमो ने अपने बेटे और प्रदेश के मुख्यमंत्री की प्रदेश में जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने में विफलता पर नाराजगी जाहिर की थी। 
 
सपा नेता के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने कई सभाओ में इस बात को जाहिर किया है कि प्रदेश की जनता ने 2012 में उन्हें वोट दिया, लेकिन प्रदेश की बागडोर अखिलेश को सौंपने की निर्णय उन्ही का था। वहीं उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य में जनता की उम्मीदों पर खरा न उतरने की विफलता का असर 2014 लोकसभा चुनाव पर नही पड़ना चाहिए। इसीलिए उन्‍होंने एक बार फिर अपना चेहरा आगे कर ही चुनावी मैदान में उतरने की पहल की है। 
 
समाजवादी पार्टी के आलोचकों का भी यही मानना है कि उत्‍तर प्रदेश में अखिलेश की कानून व्यवस्था को बनाए रखने में नाकामी लोकसभा चुनावों में नकारात्‍मक असर डालेगी। इसीलिए वह इन चुनावों के लिए धीरे-धीरे अखिलेश को दूर कर रहे हैं।       
 
यूपी के कांग्रस प्रवक्ता द्विजेंद्र त्रिपाठी के अनुसार मुस्लिमों के वोट मुलायम के लिए हैं न कि अखिलेश के लिए। इसलिए यूपी की राजनीति में न सिर्फ अखिलेश की वजह से मुस्लिमों के वोट कट सकते हैं बल्कि इन चुनावों में उनकी खराब छवि भी चुनावों के लिए बहुत हानिकारक होगी।    
 
आगे पढें- अंग्रेजी गाने से प्रभावित होकर बना सपा का नया नारा
 

2014 चुनावों के लिए सपा सबसे बेहतर सरकार: मुलायम सिंह यादव


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2014 चुनावों के लिए सपा सबसे बेहतर सरकार: मुलायम सिंह यादव
लखनऊ. यूपी के सियासी गलियारे में लोगों को जो देखने और सुनने को मिला, वह सियासत का एक पैतरा ही था। एक तरफ पिता ने अपने मुख्यमंत्री बेटे के कामकाज को लेकर पीठ ठोंकी, तो मुख्यमंत्री बेटे ने बांदा में औचक निरीक्षण कर 6 अधिकारियों को निलम्बित कर दिया। इन सबके बीच मुख्यमंत्री के चाचा व यूपी के कैबिनेट मंत्री ने अपने भतीजे के निर्णय पर भरपूर साथ दिया, लेकिन अपने अंदाज में। 
 
अभी हाल ही में मुलायम सिंह ने अपना 75 वां जन्मदिन मनाया था। इसको लेकर लखनऊ शहर में जगह-जगह मुलायम सिंह की होर्डिंग सपा कार्यकर्ताओ ने लगवाए, लेकिन इसमें से अखिलेश की फोटो गायब थी।
 
मुलायम सिंह यादव के होर्डिंग में से उनके मुख्यमंत्री पुत्र की फोटो गायब देख आम जनता से लेकर सियासी गलियारे में खूब चर्चा हुई। अब इसे यूपी की नाकामी कहे या युवा अखिलेश की कच्ची राजनीति। इसको देखते हुए मुलायम सिंह ने साल 2014 का लोकसभा चुनाव की कमान खुद सम्भाल ली और अपने युवा बेटे को परदे के पीछे कर दिया। 
 
 
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