बुधवार, 10 जुलाई 2013

भारत की न्यायपालिका

भारतीय न्यायपालिका पर कुछ भी बोलना 'अपराध' तो नहीं मान लिया जाएगा .
पर अब ये साफ़ होता जा रहा है की प्रधानमंत्री बनाने के लिए निरपराध व्यक्ति की तलाश होगी. पर यदि ये दोनों एक साथ नहीं आये तो जो हो रहा है वही होत्ता रहेगा और इनकी आगे की ताकतें इतनी कमजोर हो जायेंगी जो इतिहास की सबसे बड़ी कमजोरी होगी .
-कम से कम ये बात आयी तो 

टूट सकते हैं माया और मुलायम के पीएम बनने के सपने

लखनऊ/ब्यूरो | अंतिम अपडेट 11 जुलाई 2013 1:30 AM IST पर

maya and mulayam pm dream
सुप्रीम कोर्ट के नए फैसले से दिल्ली की गद्दी पर बैठने के मायावती और मुलायम सिंह यादव के सपने भी टूट सकते हैं।
दरअसल आय से अधिक संपत्ति के मामले में एक मई 2013 को मायावती को सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा। कोर्ट ने कहा कि सीबीआई चाहे तो मामले की जांच करा सकती है।
पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई को जांच करने की पूरी आजादी है। उधर लोकसभा सांसद और सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे विधायक और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर भी कोर्ट के फैसले की तलवार लटकी है।
मुलायम सिंह ने केस रद्द कराने की भरपूर कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली। वो सुप्रीम कोर्ट तक गए लेकिन 13 दिसंबर 2012 को कोर्ट ने सीबीआई को जांच जारी रखने का निर्देश दे दिया।
विधायक मुख्तार अंसारी भी इसकी जद में आ सकते हैं। उन पर हत्या, अपहरण, फिरौती समेत कई आपराधिक मामले हैं। अगर मुख्तार अंसारी को एक भी केस में सजा मिली तो उनकी विधायकी चली जाएगी।

शनिवार, 6 जुलाई 2013

हम एक नया दल बनाने चल रहे हैं।

हम एक नया दल बनाने चल रहे हैं। जिसमें सबकुछ होगा पर इससे यानी इसके लिए जनता से आग्रह है की वह आश्वस्त करे की वह इस दल को समर्थन करेगी।
और यदि समर्थन का वादा करती है तो शहरों और गाँव का भेद मिटाकर एकरूपता लाई जायेगी हर इन्शान को इन्शान समझा जाएगा, गैर बराबरी, अशिक्षा, गरीबी का नामों निशान नहीं होगा, सब की क्षमता के अनुरूप उसे अवसर मिलेगा।
और भी बहुत साड़ी उद्घोश्नाएं आणि हैं इंतज़ार करना होगा।
इस बात का ध्यान रखना होगा की हमें भूख और बेरोजगारी के कृतिम तरीकों से असली आज़ादी से रोका जा रहा है, यह काम् दलित और पिछड़ों का बड़ा समूह पूरा कर सकता है, यह साफ़ है की यदि यह समुदाय एकसाथ खड़ा होगा तो मुस्लिम भी इनके साथ आयेगा।
वक़्त कभी लम्बे समय तक इंतजार नहीं करता और यदि हम खड़े नहीं हुए तो वो हमसे बहुत दूर जा चुका होगा , अतः हमें खड़ा होना होगा लोकतंत्र में एक दिन की भूल,लालच,अदूरदर्शिता, सदियों से इन कौमों को जलालत की जिंदगी जीने को बाध्य की हुयी है यदि इनसे बचना है तो हमें उनके दिए जा रहे लालच और भुलावे से बचना होगा और अपना एक बड़ा और राष्ट्रिय आदोलन ही नहीं खड़ा करना होगा, राष्ट्र की मुख्य धारा में आना होगा।
(जारी)