रविवार, 14 अप्रैल 2013

अब कैसे ये मिलेंगे !

अब कैसे ये  मिलेंगे ! आज १४ अप्रैल की घटना लीजिये लखनऊ में 'बाबा' साहब की जयन्ती थी बसपा का अधिवेशन था  जिसके पोस्टर लगे थे उन्हें सपा सरकार के कारिंदों ने हटा दिया जिस पर बहन जी आग बबूला हो गयीं और कह रही थी की मेरी सरकार आने दो देख लूंगी.
और क्या नहीं कहा उन्होंने ताबड़तोड़ सारे गोले दाग दिए उन्होंने जो कुछ कहा वह उल्लिखित है - 

सत्ता में आते ही सपाई गुंडों को सबक सिखाएंगे: मायावती

लखनऊ/ब्यूरो | Last updated on: April 14, 2013 10:39 PM IST
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will teach a lesson to sp
बसपा सुप्रीमो मायावती ने सपा और प्रदेश सरकार के खिलाफ तल्ख तेवर दिखाते हुए चेतावनी दी कि बसपा को सत्ता मिली तो कानून तोड़ने व दलितों को सताने वालों को ऐसा सबक सिखाया जाएगा कि वे याद रखेंगे।
कानून व्यवस्था को पूरी तरह से चौपट करार देते हुए उन्होंने कहा कि सपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में ही जनता त्राहि-त्राहि करने लगी है। सपा के गुंडों, बदमाशों, अराजक तत्वों का राज चल रहा है।
डॉ. अंबेडकर की 122वीं जयंती के मौके पर गोमतीनगर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सामाजिक परिवर्तन स्थल पर बसपा की ओर से आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में मायावती सपा सरकार पर जमकर बरसीं।
मायावती ने कहा कि बसपा ने जिन भूमिहीनों को सरकारी जमीन का पट्टा दिया था, सरकार बदलते ही सपाइयों ने उस पर कब्जा कर लिया, फसलें काट लीं। उन्होंने धमकाया कि आगे जब उनकी सरकार आएगी तो ऐसे लोगों को ऐसा तोड़ा जाएगा, ऐसा उल्टा किया जाएगा कि फिर भविष्य में सरकार बदलने पर वे ऐसा करने की बात सोच भी नहीं पाएंगे।
उन्होंने कहा कि सपा सरकार के कहने पर जो गड़बड़ कर रहे है, उन पर भी उनकी नजर है। ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करूंगी। कार्यक्रम में उन्होंने दलितों, पिछड़ों और भूमिहीनों के साथ अन्याय, कानून-व्यवस्था और गरीब विरोधी आर्थिक नीतियों के नाम पर केंद्र की यूपीए सरकार और भाजपा पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा, बसपा को छोड़कर किसी भी सरकार ने दलितों, पिछड़ों, मुसलिमों को पूरा हक नहीं दिया। उन्होंने कानून-व्यवस्था के नाम पर दिल्ली सरकार को भी फेल करार दिया और कहा, दिल्ली और राजस्थान में कांग्रेस का राज है लेकिन बहू-बेटियां वहां भी सुरक्षित नहीं हैं। कांग्रेस की राज्य सरकारें हों या भाजपा की, महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
रातोंरात होर्डिंग्स उतरवा दिए
मायावती ने कहा कि पूरे देश में जब डॉ. अंबेडकर को पूजा जा रहा है, सम्मान हो रहा है, वहीं यूपी में बाबा साहब का अपमान किया जा रहा है। डॉ. अंबेडकर के होर्डिंग लगाने के लिए सपा सरकार से लिखित परमिशन लेनी पड़ी। जब सपा सरकार को पता चला कि यहां बड़ी तादाद में लोग आ रहे हैं और दो-तीन किलोमीटर में होर्डिंग लग गई हैं तो उन्होंने रातोंरात होर्डिंग्स उतरवा दिए।
एक साल में सौ से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे
मायावती ने कहा कि सपा सरकार के एक साल के कार्यकाल में 100 से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे हो चुके हैं। इनमें तीन दर्जन गंभीर दंगे हुए जिनमें कई महानगरों में काफी समय तक कर्फ्यू की स्थिति रही। आज हिंदू हो या मुस्लिम सभी दुखी हैं, दहशत में हैं। मां-बहनें सुरक्षित नहीं हैं। दिन छुपने के बाद लोग मां-बहनों को घर से निकलने की इजाजत नहीं देते। बलात्कार तक के मुकदमे दर्ज नहीं हो रहे हैं।

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यूपी में एक साल में हुए 100 से अधिक दंगे: मायावती

लखनऊ/इंटरनेट डेस्क | Last updated on: April 14, 2013 12:21 PM IST
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more than 100 riots in akhilesh government says mayawati
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने अखिलेश सरकार के एक साल के कामकाज को बेहद निराशाजनक बताया है। मायावती ने सपा सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में जांच के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है।
लखनऊ में अंबेडकर जयंती के मौके पर आयोजित रैली में माया ने कहा कि अखिलेश सरकार कानून-व्यवस्‍था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है। पिछले एक साल में 100 से अधिक दंगे हुए हैं। यहां तक कि आम लोगों को उसके बुनियादी अधिकारों से भी वंचित किया गया।
माया ने कहा कि समाजवादी पार्टी अपनी स्थिति मजबूत रखने के लिए अधिकारियों की मदद से उपचुनावों में हेराफेरी कर रही है। ऐसे में कोई भी राजनीतिक दल कैसे पारदर्शी चुनाव की उम्मीद कर सकता है।
मायावती ने कहा कि वे चार बार उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं। इस दौरान उन्होंने समाज के हर तबके को न्याय दिलाने और कानून-व्यवस्‍था बनाए रखने का सफल प्रयत्न किया। बसपा सरकार ने किसी पर भी जुल्म नहीं होने दिया। (अमर उजाला से साभार)
मायावती ने बोला केंद्र और राज्य सरकार पर हमला
लखनऊ, एजेंसी
First Published:14-04-13 11:42 AM
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र और राज्य सरकार पर हमला बोलते हुए दबे-कुचले लोगों का आह्वान किया है कि जुल्म, ज्यादती से बचने के लिए सत्ता की चाबी अपने हाथ में लेनी होगी।



मायावती बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की 122वीं जयन्ती पर अम्बेडकर पार्क में रैली को सम्बोधित कर रही थीं। बसपा अध्यक्ष ने कहा कि दबे-कुचले लोगों और अल्पसंख्यकों को यदि कानूनी अधिकार का फायदा लेना है तो सत्ता में आना होगा। उत्तर प्रदेश में बसपा की सत्ता के दौरान इसे देखा भी गया है। राजनीतिक सत्ता की मास्टर की जब तक अपने हाथ में नहीं आएगी तब तक पिछड़े तबके पर जुल्म, ज्यादती नहीं रुकेगी।
उत्तर प्रदेश और दिल्ली की कानून व्यवस्था को बदतर बताते हुए मायावती ने कहा कि उत्तर प्रदेश तो दंगा प्रदेश बन गया है। समाजवादी पार्टी के महज एक साल के कार्यकाल में कई दंगे हुए हैं जबकि विकास कार्य ठप पड़ा है। उन्होंने कानून व्यवस्था की बदहाली को उजागर करते हुए बुलन्दशहर मामले का जिक्र किया जहां बलात्कार पीड़ित दस वर्षीय बालिका को ही हवालात में डाल दिया गया।

इस मामले में स्वयं संज्ञान लेने के लिए उच्चतम न्यायालय को धन्यवाद देते हुए मायावती ने आग्रह किया कि न्यायालय राजस्थान के अलवर जिले में दलित बालिका के साथ हुई बलात्कार की घटना का भी संज्ञान ले। उन्होंने कहा कि महिलाओं को कागज पर अधिकार तो दे दिया गया, लेकिन जमीन पर उनके पास कुछ नहीं है। उत्तर प्रदेश समेत देश भर में दबे-कुचले और शोषित लोगों के पास कोई अधिकार नहीं है। इन वर्गों को कानूनी और सामाजिक अधिकार के लिए राजनीतिक तौर से मजबूत होना होगा।

मायावती ने कहा कि उन्होंने अपने चारों मुख्यमंत्रित्वकाल में सर्वसमाज को ध्यान में रखा, लेकिन प्राथमिकता पिछड़ों और गरीबों को दी। उन्होंने कहा कि कठिन से कठिन समय में भी उन्होंने उत्तर प्रदेश को साम्प्रदायिक तनाव से बचाया, लेकिन सपा सरकार के कार्यकाल में यह राज्य दंगा प्रदेश में तब्दील हो गया है। उन्होंने दोहराया कि 30 सितम्बर 2010 को अयोध्या मामले का इलाहाबाद उच्च न्यायालय के लखनऊ की विशेष पीठ से फैसला आना था। पूरा देश दहशत में था, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्कूल, कॉलेज व दफ्तर बन्द किए बगैर पूरी तरह शांति बनाए रखी गई। केन्द्र सरकार ने मांगने के बावजूद केन्द्रीय सुरक्षाबल नहीं उपलब्ध कराई थी।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आए दिन होने वाले साम्प्रदायिक तनाव की वजह से हिन्दू, मुसलमान दोनों ही दुखी है। गुण्डे, माफियाओं की चांदी है। उनकी सरकार में गुण्डे और माफियाओं की जगह जेल में थी। जांच के नाम पर सपा सरकार पैसे वसूल रही है। भ्रष्टाचार बड़े पैमाने पर बढ़ा है। उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों खासतौर पर बसपा के साथ बदले की भावना से काम किया जा रहा है। जिसका ताजा उदाहरण कल यहां से हटाए गए बैनर, पोस्टर व होर्डिंग्स हैं। अनुमति के बावजूद यह ओछी हरकत की गई। इसकी जितनी भी निन्दा की जाए कम है।

उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि जो लोग सपा के दबाव में बसपा के साथ र्दुव्‍यवहार कर रहे हैं उन पर नजर रखी जा रही है। सत्ता में आने पर ऐसे अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि भाटपार रानी विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उसने सपा की जीत सुनिश्चित कराने में मदद की थी। हंडिया सीट पर भी उपचुनाव होना है। अधिकारियों ने दोबारा गड़बड़ी की तो बसपा सत्ता में आने पर इसकी जांच कराएगी।

मायावती ने कहा कि दलितों और पिछड़ों के आदर्श संतों, गुरुओं के स्मारकों व संग्रहालयों का ठीक से रखरखाव नहीं किया जा रहा है। उन्होंने महंगाई के लिए केंद्र सरकार की आर्थिक नीतियों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि आदिवासियों की जमीन छीनकर धन्नासेठों को दी जा रही है। केन्द्र सरकार वायदा खिलाफी कर रही है। पूरे देश से दलित व आदिवासी जमीन की वापसी की मांग लेकर फिर से दिल्ली जा रहे हैं। केन्द्र की नीयत साफ नहीं है। उत्तर प्रदेश में भी दलितों व पिछड़ों को आंवटित जमीन पर दंबग कब्जा कर रहे हैं।

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि उनकी सरकार आने पर दलितों की जमीन पर कब्जा करने वाले लोगों को ऐसा तोड़ा जाएगा कि वे ऐसी हरकत कभी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि बाबा साहब अम्बेडकर व कांशीराम के सपनों को पूरा करने के लिए दलितों, पिछड़ों को एकजुट होना ही होगा। उन्होंने डॉ. अम्बेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धाजंलि दी।

( हिंदुस्तान से साभार )

सांसद जयाप्रदा की कार से एआरटीओ ने उतारी लालबत्ती
रामपुर, एजेंसी



रामपुर की सांसद और फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा की कार से लालबत्ती उतारने पर शनिवार को वह उप संभागीय परिवहन अधिकारी (एआरटीओ) पर भड़क उठीं।





समाजवादी पार्टी की सांसद जयाप्रदा ने आज कहा कि कुछ सरकारी अधिकारियों ने उनकी गाड़ी से जबर्दस्ती लाल बत्ती हटा दी। सांसद ने मामले को संसद में उठाने की चेतावनी दी। उन्होंने दावा किया कि पुलिसकर्मियों सहित करीब दो दर्जन अधिकारियों के एक दल ने उनके घर पर आकर लाल बत्ती उतारी। जयाप्रदा ने कहा कि अधिकारियों को मेरे घर नहीं आना चाहिए था। उन्हें मेरी गाड़ी की जांच सड़क पर करनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि मैं मामले को संसद में उठाउंगी। 
एआरटीओ का कहना है कि सांसद को कार के बोनट पर छोटी लालबत्ती लगाने का अधिकार है। सांसद कार की छत पर लाल बत्ती नहीं लगा सकता। इस बीच सांसद जयाप्रदा ने आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर उन्हें अपमानित किया गया। नगर विकास मंत्री आजम खां का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा कि उन्हें अपमानित करवाने में एक मंत्री का हाथ है।



इसी जिले में जयाप्रदा के होटल कक्ष में तीन मार्च को पुलिस की छापेमारी के बाद यह कार्रवाई हुई है। पुलिस ने कहा था कि छापेमारी इस संदेह पर की गई कि पूर्व अभिनेत्री मतदाताओं के बीच बांटने के लिए काफी मात्रा में धन लेकर आई हैं। जयाप्रदा भले ही सपा की सांसद हैं लेकिन वह अमर सिंह से जुड़ी हुई हैं जिन्हें पार्टी ने निष्कासित कर दिया था।

गौरतलब है कि रामपुर के निवासी नगर विकास मंत्री आजम खां और जयाप्रदा के राजनीतिक रिश्ते काफी तल्ख हैं। यदाकदा दोनों एक दूसरे के खिलाफ बयान देते रहते हैं।

( हिंदुस्तान से साभार )


मंत्री बोले, अफसरों को कमरे में बंद करके पीटो

कटेहरी (अंबेडकरनगर)/ब्यूरो | Last updated on: April 14, 2013 1:56 AM IST
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Minister said, officers beat locked in the room
उत्तरप्रदेश के मंत्री बड़बोलेपन से बाज नहीं आ रहे हैं। शनिवार को स्वास्थ्य राज्यमंत्री शंखलाल मांझी ने कहा कि अधिकारी यदि बात नहीं सुनते तो उन्हें कमरे में बंद कर पीटो। बाद में जो होगा, देख लेंगे।

सपा कार्यकर्ताओं को यह सीख मंत्री ने कटेहरी में आयोजित बैठक में दी है। हालांकि बाद में मांझी अपने बयान से पलट गए और कहा कि उन्होंने सिर्फ संघर्ष करने की बात कही है। इससे पहले भी प्रदेश सरकार के कई मंत्री बेतुका बयान दे चुके हैं। �

शनिवार को यहां जिला मुख्यालय पर होने वाले सपा सम्मेलन को सफल बनाने के लिए कार्यकर्ता बैठक का आयोजन किया गया था। बैठक में मंत्री के पहुंचते ही कार्यकर्ताओं ने अपनी उपेक्षा व उलाहना की झड़ी लगा दी। कार्यकर्ताओं की शिकायतों से मंत्री झल्ला गए।

उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि अधिकारियों की पहले बंद कमरे में पिटाई कर दो। यदि कोई खांटी सपाई है तो ऐसा किए बगैर दोबारा उनसे शिकायत नहीं करेगा। बाद में उन्होंने जोर देकर कहा कि पिटाई कर आना, जो होगा देख लिया जाएगा।

मंत्री के इस तेवर ने कार्यकर्ताओं का आक्रोश तो शांत कर दिया लेकिन इससे प्रदेश सरकार के सुशासन के दावों की पोल खुलती नजर आई। हालांकि बाद में वह बयान से पलट गए।

मंत्री ने कहा कि उन्होंने पिटाई की कोई बात नहीं की है। सिर्फ कार्यकर्ताओं से यह कहा कि यदि कोई अधिकारी उनकी बात नहीं सुनता है तो आठ से दस की संख्या में जाओ और संघर्ष करो। यदि जेल जाने की नौबत आई तो हम छुड़ा लेंगे।


'हेमा के गाल जैसी सड़कें' के बयान पर गई मंत्री की कुर्सी

लखनऊ/ब्यूरो | Last updated on: April 14, 2013 2:35 AM IST

uttar pradesh minister raja ram pandey sackedउत्तर प्रदेश के खादी और ग्रामोद्योग मंत्री राजा राम पांडेय को सड़कों की तुलना हेमा मालिनी के गालों से करना भारी पड़ गया है। इस बयान ने उनकी कुर्सी छीन ली है।

पांडेय को शनिवार देर रात मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंत्रिमंडल से बर्खास्त कर दिया।

पांडेय ने यह विवादित बयान यूपी के प्रतापगढ़ में दिया था। उन्होंने पत्रकारों से कहा था, 'बेला की सड़कें हेमा मालिनी के गालों जैसी चमकेंगी, अभी तो फेशियल हो रहा है।

दरअसल पांडेय का यह दूसरा विवादित बयान था, इससे पहले उन्होंने सुल्तानपुर की डीएम धनलक्ष्मी की तारीफ करते हुए अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी।

इस बार प्रतापगढ़ में एक कार्यक्रम में उन्होंने हेमा मालिनी और माधुरी दीक्षित के गालों जैसी सड़कें बनवाने की बात कही थी जो इस बार उन्हें भारी पड़ गई।

महिलाओं के प्रति उल्टी-सीधी बयानबाजी से खफा मुख्यमंत्री ने शनिवार देर रात उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखा दिया। मुख्यमंत्री ने राज्यपाल से उन्हें हटाने की सिफारिश की, जिसे तत्काल स्वीकार कर लिया गया। देर रात उन्हें मंत्रिपद से हटाए जाने की अधिसूचना भी जारी कर दी गई।

खादी ग्रामोद्योग विभाग मुख्यमंत्री ने फिलहाल अपने पास ही रखा है। इस साल फरवरी में पांडेय उस वक्त ज्यादा ही चर्चित हुए जब वे सुल्तानपुर के कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में बेरोजगारों को चेक बांटने के लिए आयोजित समारोह में जिले की डीएम की खूबसूरती पर फिदा होते नजर आए।

पांडेय ने डीएम धनलक्ष्मी की खूबसूरती की प्रशंसा में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी। लगे हाथ उन्होंने जिले की पूर्व और वर्तमान डीएम की खूबसूरती की तुलना भी कर डाली थी। मामला महिला आयोग तक पहुंचा और आयोग ने उन्हें नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण भी मांगा था।

पिछले साल मार्च में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद से ही राजा राम पांडेय चर्चा में रहे हैं। मंत्री बनते ही एक प्रमुख सचिव से बंगले को लेकर उनका विवाद हुआ।

इसके बाद पांडेय के ही विभाग के राज्यमंत्री रियाज अहमद ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। रियाज अहमद ने मुख्यमंत्री को लंबा-चौड़ा शिकायती पत्र सौंपकर आरोप लगाया गया था कि राजाराम पांडेय ट्रांसफर-पोस्टिंग में घूस लेते हैं।



'राष्ट्रीय एजेंडे से तय हो प्रधानमंत्री का उम्मीदवार'

 रविवार, 14 अप्रैल, 2013 को 14:28 IST तक के समाचार


बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता नीतीश कुमार ने साफ किया है कि प्रधानमंत्री पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का उम्मीदवार एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे के मुताबिक़ होना चाहिए और उनकी पार्टी अपनी धर्मनिरपेक्ष छवि के साथ कोई समझौता नहीं करेगी.
उन्होंने गुजरात के 
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मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास के मॉडल को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बिहार का अपना मॉडल है और वो मॉडल है सबको साथ लेकर चलने का. नीतीश ने साथ ही चुटकी लेते हुए कहा कि देश जोर-जबरदस्ती से नहीं चलेगा और देश को चलाने के लिए कभी टोपी भी पहननी पड़ेगी.

मुख्यमंत्री ने मोदी का नाम लिए बगैर कहा, “भारत विविधताओं से भरा देश है और देश का नेतृत्व वही करेगा जिसमें इस विविधता को समेटने की क्षमता हो. 
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अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे ही नेता थे. हम चाहते हैं कि देश को फिर से उनके जैसा प्रधानमंत्री मिले. सिर्फ हवा बनाने से बात नहीं बनेगी.”

नीतीश ने साथ ही परोक्ष रूप से बीजेपी को भी नसीहत देते हुए कहा, “हमारे प्रस्ताव आगे का रास्ता तय करेंगे. हम एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे पर आगे बढ़ेंगे. इस पर कोई समझौता नहीं होगा. एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे में साफ कहा गया है कि विवादित मुद्दों को अलग रखा जाएगा.”
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भारत विविधताओं से भरा देश है और देश का नेतृत्व वही करेगा जिसमें इस विविधता को समेटने की क्षमता हो. अटल बिहारी वाजपेयी ऐसे ही नेता थे. हम चाहते हैं कि देश को फिर से उनके जैसा प्रधानमंत्री मिले. सिर्फ हवा बनाने से बात नहीं बनेगी"
नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

उन्होंने कहा कि अगर कोई पार्टी रास्ता बदलने की कोशिश करेगी तो परेशानी होगी. देश के मानस को समझने की ज़रूरत है.

राजधर्म

नीतीश ने कहा कि वो प्रधानमंत्री पद की दौड़ में नहीं हैं और न ही वो ऐसा भ्रम पालते हैं. लेकिन देश का प्रधानमंत्री ऐसा होना चाहिए जो राजधर्म निभाए.
इससे पहले जदयू की दिल्ली में चल रही राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दूसरे दिन रविवार को पार्टी नेता एन के सिंह ने राजनीतिक प्रस्ताव पेश किया. इसमें कहा गया है कि पार्टी पूरी तरह एनडीए के साथ है.
प्रस्ताव में बीजेपी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार तय करने के लिए साल के अंत तक का समय दिया है, लेकिन साथ ही कहा है कि ये एनडीए के राष्ट्रीय एजेंडे के मुताबिक़ होना चाहिए.
नीतीश कुमार ने इसकी जानकारी देते हुए कहा, “नवगठित राष्ट्रीय परिषद की बैठक में कुल तीन प्रस्ताव पेश किए गए. इनमें से एक आर्थिक संकल्प से संबंधित, दूसरा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने के बारे में और तीसरा राजनीतिक प्रस्ताव था.”

कार्यकारिणी

उन्होंने कहा कि शरद यादव को एक बार फिर पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया है और नई कार्यकारिणी के गठन के लिए अधिकृत किया गया है.
नीतीश ने कहा, “हमें पूरी उम्मीद है कि शरद जी के नेतृत्व में संगठन का विस्तार होगा और देश की राजनीति में जदयू की अहम भूमिका होगी.”
उन्होंने देश की मौजूदा राजनीतिक और आर्थिक स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा, “देश की आर्थिक स्थिति नाजुक है और राजनीतिक परिदृश्य निराशाजनक है.”
नीतीश ने कहा, “नई सरकार ऐसी होनी चाहिए जो सबको साथ लेकर चल सके, देश की समस्याओं को दूर कर सके.”
(बी बी सी से साभार )

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