हम एक नया दल बनाने चल रहे हैं। जिसमें सबकुछ होगा पर इससे यानी इसके लिए जनता से आग्रह है की वह आश्वस्त करे की वह इस दल को समर्थन करेगी।
और यदि समर्थन का वादा करती है तो शहरों और गाँव का भेद मिटाकर एकरूपता लाई जायेगी हर इन्शान को इन्शान समझा जाएगा, गैर बराबरी, अशिक्षा, गरीबी का नामों निशान नहीं होगा, सब की क्षमता के अनुरूप उसे अवसर मिलेगा।
और भी बहुत साड़ी उद्घोश्नाएं आणि हैं इंतज़ार करना होगा।
इस बात का ध्यान रखना होगा की हमें भूख और बेरोजगारी के कृतिम तरीकों से असली आज़ादी से रोका जा रहा है, यह काम् दलित और पिछड़ों का बड़ा समूह पूरा कर सकता है, यह साफ़ है की यदि यह समुदाय एकसाथ खड़ा होगा तो मुस्लिम भी इनके साथ आयेगा।
वक़्त कभी लम्बे समय तक इंतजार नहीं करता और यदि हम खड़े नहीं हुए तो वो हमसे बहुत दूर जा चुका होगा , अतः हमें खड़ा होना होगा लोकतंत्र में एक दिन की भूल,लालच,अदूरदर्शिता, सदियों से इन कौमों को जलालत की जिंदगी जीने को बाध्य की हुयी है यदि इनसे बचना है तो हमें उनके दिए जा रहे लालच और भुलावे से बचना होगा और अपना एक बड़ा और राष्ट्रिय आदोलन ही नहीं खड़ा करना होगा, राष्ट्र की मुख्य धारा में आना होगा।
(जारी)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें