पहले की तरह अब सरकारें ओ काम नहीं कर रही है जिसके लिए विभिन्न पद सृजित किये गए थे, अब उन्हें उन लोगों से भरा जा रहा है जिन्हें उसका मतलब ही नहीं पता है, संगीत, ललित कला, लोक कला आदि जैसी अनेक संस्थाएं उन लोगों से भरी जा रही हैं जिन्हें उन विधाओं से कोई लेना देना नहीं है.
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