एक पोस्टर सीरिज शुरू कर रहा हूँ, सामजिक न्याय की अधूरी पड़ी लड़ाई के लिए आशा है आप इसे आगे बढ़ाएंगे और अपने बहुमूल्य विचारों को भी इसमें प्रेषित कर 'आन्दोलन' का रूप देने में मददगार बनेंगे .
सादर
डॉ . लाल रत्नाकर
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2014 के बदलाव के लिए पहल तो करनी होगी जरूरी नहीं की कौन कर रहा है। ये तो हर प्रबुद्ध व्यक्ति सोचता है जानता भी है की यदि ये हठधर्मिता त्याग कर समाज निर्माण का संकल्प लें तो देश की तस्वीर बदल जाए। दोनों की अपनी अच्छाइया हैं उसका समाज को लाभ मिलना ही चाहिये।
आईये इस पहल को आगे बढायें।
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